Shikha Arora

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लेखनी कहानी -10-Jun-2022 - नाॅन स्टाॅप 2022- इंतज़ार

आंचल मेरा जो लहरा गया,
पिया तू याद मुझको आ गया।
लबों पर मुस्कान जो खिली मेरे ,
दिल का चैन ये लूटेगी तेरे।
कुमुदिनी सी कोमल मैं हूं सनम,
तुझ पर वारूं मैं सातो जनम।
अलकें मेरी जो खुल गई,
नजरें मेरी जो जरा झुक गई।
शीतल सा मन मेरा हुआ,
ख्वाबों ने जो तेरे मुझको छुआ।
चूड़ियां भी खुद से बातें करने लगी,
बलम मैं तो देख संवरने लगी।
बिंदिया मेरी चमके जैसे सितारा,
आजा पिया मैंने तुझको पुकारा।
कली मै प्यारी अनछुई हूं पिया ,
तुझ पर ही वारा मैंने अपना जिया।
लटें भी अठखेलियां मेरी कर गई,
नौका में भी रूमानियत भर गई ।
फूलों सा महकेगा गुलशन यहां,
मनमोहन चाहूं तेरा दर्शन हो यहां।
मीरा सी बन घूमूं मैं बांवरी,
आजा पिया मैं हूं तेरी सांवरी।
सरोवर के बीच खिला कमल,
हरे भरे पत्तो से मन हुआ निर्मल।
इंतजार तेरा ही मैं कर रही,
घटा चारों तरफ बिखर रही।
लाज शर्म का है पर्दा गिरा,
सनम पकड़ ले आकर सिरा।।


# नान स्टाप प्रतियोगिता हेतु
शिखा अरोरा (दिल्ली)

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10 Comments

बहुत ही उम्दा और प्रेममय अभिव्यक्ति

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बहुत खूब

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Seema Priyadarshini sahay

11-Jul-2022 04:13 PM

बहुत खूब

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